Wednesday 9 May 2018

दीपा मलिक का संघर्ष | जीवन परिचय






आज मैं ऐसे शख्सियत के बारे में बात करने जा रहा हूँ जो लकवा ग्रस्त हो कर भी अपने देश का नाम रोशन किया. जी हा दोस्तों उस महान शख्सियत का नाम Deepa Malik है. Deepa Malik एक भारतीय तैराक के साथ Biker और Athletic हैं. Deepa पहली भारतीय महिला है जिन्होंने Paralympic Games में Silver Medal जीतकर अपने देश का नाम गौरव किया. उन्होंने उप-शून्य तापमान में 8-दिन में 1700 किलोमीटर की यात्रा पूरी की है. यह यात्रा हिमालय, लेह, शिमला, जम्मू जैसे कठिन रास्तो से होकर पूरी की थी.



Deepa के पिता का नाम कर्नल B K Nagpal था, उनके पति का नाम कर्नल बिक्रम सिंह है. इनकी दो बेटिया है देविका और अंबिका.


Deepa एक महान इन्सान है जो आजकल बहुत कम ही देखने को मिलते है, अगर वो साधरण इन्सान होती तो शायद आज हम उनके बारे में बातें नहीं करते है. Deepa कम आयु में लकवा जैसे खतरनाक बीमारी से ग्रस्त हो गई. इसके बावजूद उन्होंने अपने आत्मविश्वास को डगमगाने नहीं दिया. दो बेटियों की माँ होने के बावजूद उन्होंने हर कठिन परस्थितियों को सफलता में बदलने की ताकत रखती हैं. इनकी परेशानिया यही ख़तम नहीं हुई, इनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया, जब 1999 में रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर की शिकायत हो गई. उस समय Deepa के पति बिक्रम देश के लिए कारगिल का युद्ध लड़ रहे थे, दूसरी तरफ Deepa ट्यूमर से अपने जिंदगी की लड़ाई लड़ रही थी. कहते है हार ना मानने वालो की कभी हार नहीं होती ठीक उसी तरह Deepa के साथ हुआ उन्होंने हार नहीं मानी और दोनों लड़ाइयाँ जीत ली. उनके पति ने कारगिल युद्ध जीता और गीता का ट्यूमर सफल रहा हालाँकि इसमें उनको 183 टांके लगे, इसके बाद Deepa ने कभी मुड़कर कभी पीछे नहीं देखा.



Deepa का परिवार अहमद नगर में रहते है और वही रेस्तरा चलाते है. वह हिमालय मोटरस्पोर्ट्स एसोसिएशन के साथ जुड़कर विकलांग लोगो के लिए प्रेरणा का कम करती है. वैसे तो Deepa हर खेलो में हिस्सा लिया करती है. उनकी साहसी का एक और कारनामा देखने को मिला जब उन्होंने यमुना नदी में बेहतरीन तैराकी करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया. इसी से पता चलता है इन्सान जो ठान ले वो बिलकुल कर सकता है जैसे की Deepa ने किया.



Deepa एक पहली विकलांग महिला है जिनको संशोधित वाहन रैली के लिए licence मिला था. Deepa 2009 एवं 2010 में सबसे कठिन रैली "रेड डे हिमाचल" में हिस्सा लेकर एक अच्छी ड्राईवर के रूप में उभर कर दुनिया के सामने आई, Deepa का परियोगिता में हिस्सा लेने का सिर्फ एक ही मकसद था वो बताना चाहती थी उन विकलांग लोगो को जो दुसरे पे आशिर्त है उनके उंदर एक जोश दिखाना चाहती थी को वो हर कम कर सकते है जो एक सामान्य इन्सान कर सकता हैं.





दीपा मालिक का International Participation & Medals.



  • पैरालाम्पिक खेल 2016 में रजत पदक पहली बार किसी भारतीय महिला को ये मेडल दिया गया.
  • आईपीसी एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप, दोहा 2015 शॉट पुट में पाचवां स्थान.
  • आईपीसी ओशिनिया एशियाई चैम्पियनशिप,  दुबई मार्च 2016, 1 Gold, 1 Silver madal मिला.
  • आईपीसी चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप बीजिंग में Gold Madal 
  • जर्मन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिर्फ वो अकेली महिला थी, जिन्होंने हिस्सा लिया था.
  • पहला मलेशियाई ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप अप्रैल 2012 - दो स्वर्ण पदक जीते 
  • आईडब्ल्यूएएस वर्ल्ड गेम्स शारजाह दिसम्बर 2011 - दो कांस्य पदक जीतकर न्या रिकॉर्ड बनाया 
  • योग्य बी स्तर - बीजिंग ओलंपिक 2008 जेवेलिन फ्रो एफ 53 - श्री कपिल देव द्वारा सम्मानित
  • राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पदक: 51 स्वर्ण, 5 रजत, 2 कांस्य
  • अंतर्राष्ट्रीय पदक- 18

पुरस्कार और मान्यता



  • राष्ट्रपति भूमिका मॉडल पुरस्कार (2014)
  • अर्जुन पुरस्कार (2012)
  • महाराष्ट्र छत्रपति पुरस्कार (खेल) (200 9 -10)
  • हरियाणा करमभूमी पुरस्कार (2008)
  • स्वावलंबन पुरुसुकर महाराष्ट्र (2006)
  • पद्मश्री पुरस्कार (2017)



अन्य पुरस्कार



  • लिम्का People of the year - 2014
  • iCONGO कर्मवीर पुरस्कार - 2014
  • अमेज़िंग इंडियन अवॉर्ड्स टाइम्स - 2013
  • कैविंकर राष्ट्रीय योग्यता पुरुस्कार  - 2013
  • करमवीर चक्र पुरस्कार - 2013

1 comment:

  1. Yes, it's a great article and given the maximum knowledge of Deepa Malik and to explore more about her knowledge and struggle go through deepamalik

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