Wednesday 12 September 2018

रेल की पटरियों पे पत्थर क्यों होते है - Hindi Padhe

नमस्कार दोस्तों, आज मैं जो आपको जानकारी देने जा रहा हु, वो शायद ही सब को पता होगा| ये जानकारी बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण है| क्या आपको पता है की रेल की पटरियों पे पत्थर क्यों होते है अगर नहीं तो इस पोस्ट को धयान से पूरा पढ़े|

रेल की पटरियों पे पत्थर क्यों होता है - hindi padhe


हम सबने रेल का सफ़र कभी ना कभी तो किया होगा और ये भी देखा होगा की वहां पटरी पे पत्थर होते है| हमारे मन में तो कई बार सवाल आते है की आखिर पत्थर वहा क्यों डाले जाते है| लेकिन कई बार ऐसे चीजो को देख कर भी अनदेखा कर देते है क्युकी उसकी जानकारी हमे नहीं रहती है या उसके महत्त्व को हम नहीं समझते| 

आप की इस जिज्ञासा को मैं इस पोस्ट के माध्यम से बताऊंगा की पटरियों पे पत्थर क्यों रहते है| जब रेल पटरी पे चलता है तो जमीन और पटरी के बिच कंपन होना शुरू होने लगता है, ऐसा इसलिए होता है की रेल का भार बहुत होता है जिसकी वजह से कंपन शुरू होने लगता है| इस कंपन को खतम करने के लिए पटरियों के इर्द गिर्द पत्थर डाले जाते है जिससे रेल का संतुलन ना बिगड़े| 

रेल की पटरिया गर्मी के दिन में फैलने लगती है और सर्दी के दिन में सिकुड़ने लगती इसकी वजह से संतुलन ख़राब होता है, इस संतुलन को बनाये रखने के लिए पत्थर का इस्तेमाल किया जाता है| 


एक और भी वजह होता है इसे इस्तेमाल करने का बारिश के समय में पटरियों के बिच पानी इकठठा होने लगता है जिसकी वजह से घास, फूस उगने लगते है ऐसा ना हो इसलिए भी पत्थर बिछाये जाते है|

आप सोच रहे होंगे पटरी के बिच गोल वाले पत्थर क्यों नहीं डाले जाते है? तो इसका कारण ये है की गोल वाले  पत्थर आपस में वो पकड़ नहीं बना पाते जितना नुकीले पत्थर बनाते है| इससे पटरी को भी मजबूती मिलती है और वो फैलती नहीं है|


दोस्तों अगर आपके मन में ये सवाल उठ रहा है की रेल की पटरी के बिच पत्थर डाले जाते है तो फिर मेट्रो train में इसका इस्तेमाल क्यों नहीं होता है| तो सबसे पहले मैं आपको ये बताना चाहूँगा की metro train जमीन पे नहीं चलती, दूसरी बात रेल की अपेक्षा metro train का वजन कम होता है| metro train के लिए अलग से ट्रैक बनता है जो धरती के निचे होता है और फ्लाई ओवर के ऊपर जिसकी वजह से ना तो पानी इक्कठा होने का सवाल है और ना ही घास, फूस उगने का| इसलिए Metro Train में पत्थर का इस्तेमाल नहीं होता है|     

आशा करता हूँ आपके मन में जो सवाल थे वो इस पोस्ट के माधयम से ख़त्म हो चुके होंगे| अगर आपको मेरा ये पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रो के साथ share जरुर करें|

इस पोस्ट से संबधित आपके मन में कोई भी प्रश्न हो तो comment करके पूछ सकते है| हमारे नये पोस्ट को सबसे पहले पाने के लिए अपने gmail account से सबमिट करें|

Monday 10 September 2018

Dimag ko kaise tej kare? दिमाग को कैसे तेज करें - Hindi Padhe

नमस्कार दोस्तों, आज के पोस्ट में मैं आपको बहुत ही रोचक जानकारी देने जाने वाला हूँ| मेरा हेमेशा कोशिस रहता है की मैं आपको ऐसी जानकारी दू जिस से आपको फायदा हो| आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की अपनी याददाश्त को कैसे बढ़ाये (दिमाग को कैसे तेज करें) अक्सर देखा जाता है की ये परेशानी बच्चो से लेकर बड़ो तक होती है इससे हमको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है| खासकर बच्चो में ये ज्यादा पाया जाता है वो कुछ भी पढ़ते है ज्यादा देर तक याद नहीं रख पाते इससे उनकी पढाई पे बुरा असर पड़ता है, तो क्यों ना आप अपने बच्चो के दिमाग को तेज बनाये लेकिन कैसे ये मैं आपको इस पोस्ट में बताऊंगा तो किर्प्या इस पोस्ट को पूरा पढ़े, अपना और अपने बच्चे के दिमाग को तेज बनाये|

Dimag ko kaise tej kare? दिमाग को कैसे तेज करें - Hindi Padhe


दोस्तों आज के समय में ये बहुत ही जरुरी है की हमारा दिमाग तेज हो तभी हम अपने life में कुछ कर सकते है आगे बढ़ सकते है| वैसे आपको internet के माध्यम से बहुत सारी नुक्से, जानकारी मिल जाएँगी लेकिन मैं आपको कुछ अलग तरीका बताने जा रहा हु जिसे आप रोजमरा जिंदगी में अपना सकते हो और अपने दिमाग को sharp बना सकते है|


दिमाग तेज करने के पौष्टिक आहार:



  • हमारे शारीर में कैफीन की जररूत पड़ती है जिसको पूरा करने के लिए कॉफ़ी का सेवन कर सकते है इससे एकाग्रता बढ़ता है|  ये हमारे ब्रेन में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पहुँचाता है| धयान रहे सिमित मात्रा में कैफीन का सेवन लाभदायक होता है| 


  • बादाम, अखरोट में प्रचुर मात्रा में विटामिन इ होता है इसके नियमित सेवन से याददाश्त की शिकायत से बचा जा सकता है|


  • रोज पलक खाए क्युकी एक पलक ही ऐसा सब्जी है जिसमे बहुत मात्रा में मैग्नीशियम और पोटेशियम होता है जो दिमाग को तेज (याददाश्त) बढ़ाने की छमता में मदतगार साबित होता है| इसमें विटामिन बी 6, ई और फोलेट भी काफी मात्रा में होता है| जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है| 


  • जब तक आपके शारीर में Energy नहीं रहेगा तो आपका दिमाग (Brain) ठीक तरीके से काम नहीं करेगा| बच्चे, Student को तेज दिमाग के लिए साबुत अनाज का सेवन करना चाहिये| ये खाद्य पदार्थ शरीर में ग्लूकोज को भेजते हुए मानसिक रूप से सचेत रखता है|


  • अक्सर बड़ो से सुना होगा की मछली खाने से दिमाग तेज होता है ये १००% सच है| फिश ऑयल में ओमेगा-3  फैटी एसिड होता है जो बच्चे के दिमाग और आँखों के लिए लाभदायक होता है| हफ्ते में एक बार मछली का सेवन करना चाहिए|


  • Chocolate खाने से भी दिमाग तेज होता है बशर्ते वो डार्क चॉकलेट हो| चॉकलेट brain बूस्टर का काम करता है|


  • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करे इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है| पत्तागोभी अंकुरित सब्जियों के सेवन करने ब्रेन sharp होता है|


  • दूध बड़ो या बच्चो के दिमाग के performance सुधरने में मदत करता है| दूध में विटामिन B 6, B 12 भरपूर मात्रा में होता है| नियमित दूध का सेवन करना चाहिए|


ऊपर मैंने कुछ पौष्टिक आहार के बारे में बताया है जिसको लेने से दिमाग (brain) तेज होता है| हमारे दिमाग के लिए जितना पौष्टिक आहार जरुरी होता है उतना ही Exercise भी जरुरी होता है| निचे कुछ और टिप्स बताया गया है| इसको टिप्स को follow करके दिमाग (याददाश्त) तेज कर सकते है|

ये भी पढ़े: वजन क्यों बढ़ता है और इसे घटाया कैसे जाये

दिमाग (याददाश्त) तेज करने के अचूक उपाय:


अच्छा नींद लेना:-

आज हर field में बहुत ज्यादा Competition है सब एक दुसरे से आगे बढ़ने के लिए बहुत मेहनत करते हैं| मेहनत करना अच्छी बात है क्युकी जब तक आप मेहनत नहीं करोगे अपने सपनो को पुरा नहीं कर सकते हो लेकिन इस मेहनत के चक्कर में हमारी दिनचर्या ख़राब हो जाती है हम पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाते है| जिससे दिमाग पे बहुत बोझ पड़ता है हमेशा दिमाग भाड़ी भाड़ी सा लगता है, इससे हम कुछ नई चीजे नहीं सिख पाते है स्वास्थ्य भी ख़राब हो जाता है| तेज दिमाग के लिए हमें पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत जरुरी है| एक्सपर्ट के अनुसार 7, से 8 घंटे का नींद लेना जरुरी होता है|

आखिर हमे प्यास क्यों लगती है?

Music (संगीत) सुन सकते है:-

अपने दिमाग को fresh करने के लिए सबसे बढ़िया तरीका है music सुनना| जब भी आप बहुत काम करते वक्त थक जाये तो अपने मनपसंद का गाना सुने इससे आपका दिमाग (brain) बूस्ट होता है, और आप फ्रेश महसूस करेंगे|

Games खेले:-

अगर आप गेम खेलने में दिल्चस्बी रखते है तो बच्चो के साथ brain गेम्स खेलिये जैसे की शतरंज, पज़ल्स  गेम खेले इससे दिमाग की कसरत होती है|

नई नई भासा सीखे:-

आप को जिस भासा में Interest वो सिख सकते है इसमें थोड़ा समय लगता है लेकिन ये दिमाग के लिए रिजनिग का काम करती है|


आशा करता हु की आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा अगर पोस्ट अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ share करना ना भुले| इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो Comment करके पुछ सकते है|





Monday 3 September 2018

जन्मास्टमी की पूरी जानकारी 2018 - Hindi Padhe

जन्मास्टमी की पूरी जानकारी

कृष्णा जन्मास्टमी जिसे हम जन्मास्टमी, या गोकुलष्टमी भी कहते है | जन्मास्टमी हिन्दुओ का सबसे पसंदीदा त्योहार है, इसे हम विष्णु के आठवें अवतार कृष्णा का जन्म के रूप में मनाया जाता है | यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार कृष्णा पक्ष के श्रद्धाण के महीने में के आठवें दिन मनाया जाता है। इस दिन भक्त दिन में  उपवास रखते है |  मध्य रात्री को जब कृष्ण का जन्म हुआ था उससे पहले भक्त निर्त्य, नाटक, भक्ति गायन करते है | जन्मास्टमी वैसे तो सब जगह मनाया जाता है भारत में और भारत के बाहर भी श्री कृष्ण के भक्तो की कमी नहीं है | लेकिन खासकर कर ये त्योहार मथुरा और ब्रिन्दावन में मनाया जाता है, साथ ही मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में गैर-सांप्रदायिक समुदायों के साथ मनाया जाता है | 

कृष्ण देवकी और वासुदेव के पुत्र थे, वो मध्यरात्रि हिंदू परंपरा के अनुसार पैदा हुए थे जो मथुरा में है | उन्हें विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है इसलिए उनका जन्मदिन हिंदुओं द्वारा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है |   

जब जब धरती पे ज्यादा बुराई बढती है तो किसी महापुरुष का जन्म होता है, ठीक उसी प्रकार जब राजा कंश का अत्याचार ज्यादा बढ़ गया था तो इस अत्याचार को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण का जन्म हुआ | मध्यरात्रि में जब कृष्ण का जन्म होने के बाद उनकी मूर्ति को धोया जाता है फिर पालने में रखा जाता है | जन्म के बाद भक्त भोजन और मिठाई का सेवन करके अपना उपवास तोरते है |

जन्मास्टमी के दिन मंदिरों में भागवत पुराण और भगवत गीता के पाठ का आयोजन होता है | जगह जगह कृष्णा लीला नामक नृत्य-नाटक कार्यक्रम आयोजित होता है, चारो तरफ भक्तिमय माहोल बना रहता है | मथुरा में हर साल जन्मास्टमी के कुछ दिन पहले से ही नृत्य नाटक शुरू हो जाते है |

महाराष्ट्र में जन्मास्टमी 'गोकुलष्टमी' के नाम से मनाया जाता है | इस दिन दही, हांड़ी भी मनाया जाता है | इसमें एक मिट्टी का बर्तन होता है उसमे दही भरा जाता है, फिर उसे कुछ उचाई पे रस्सी से बांध दिया जाता है | लड़के झुण्ड बनाकर एक दुसरे के ऊपर चढ़कर उस दही हांड़ी को तोड़ते है, ये सार्वजानिक तरीके से मनाया जाता है | ठीक इसी तरह गुजरात के द्वारका शहर में भी लोग ऐसा ही मनाते है |

जन्मास्टमी इतना लोकप्रिय त्योहार है की ये India के बहार भी मनाया जाता है | आपको सुन कर हैरानी होगी की यह त्योहार Pakistan में भी बड़े धूम धाम से मनाया जाता है | कराची के श्री स्वामीनारायण मंदिर में पाकिस्तानी हिंदुओं के द्वारा भजनों और गायन के साथ जन्माष्टमी मनाया जाता है।

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